Pay Commission History in Hindi.
Introduction
अरे भइया, का बात है! आज हम लोग बात करेंगे पे कमीशन के बारे में – ई तो सरकारी बाबू लोग के लिए जैसे दिवाली, होली, और छठ पूजा एक साथ आ गया हो! जब भी पे कमीशन का नया रिपोर्ट आता है, बाबू लोग के दिल में लड्डू फूटता है और घरवाली के चेहरे पे मुस्कान आती है – “अबकी बार थोड़ी शॉपिंग कर लेंगे!” तो चलिए, ई कहानी को थोड़ी मस्ती, थोड़ी कॉमेडी, और बिहारी तड़का के साथ सुनाते हैं। तैयार हो ना, भइया?
शुरूआत: जब पहला पे कमीशन आया
ई बात है 1947 के, जब देश आजाद हुआ और बाबू लोग बोले, “अरे, अब तो अंग्रेज चले गए, अब हमका सैलरी भी बढ़िया चाहिए!” तो पहला पे कमीशन बना, चेयरमैन बने श्रीनिवास वरदाचारियर – नाम सुनकर ही लगता है, बाबू लोग के सैलरी के साथ-साथ उनके नाम का भी कैलकुलेशन कर दिया गया था! ई कमीशन बोला, “ठीक है, थोड़ी सी बढ़त कर देते हैं, लेकिन इतना नई कि बाबू लोग के पेट में घी हजम ना हो पाए।” तो शुरू हुआ ई सिलसिला – हर 10-15 साल बाद सैलरी रिवाइज करने का।
दूसरा, तीसरा, चौथा: बाबुओं का बजट बार-बार |
दूसरा पे कमीशन (1957) आया तो बाबू लोग बोले, “भइया, ई तो इनफ्लेशन नाम का राक्षस हमका खा रहा है, थोड़ा और बढ़ाओ ना!” फिर तीसरा (1970) और चौथा (1983) आया – हर बार सरकार बोली, “अरे, थोड़ा सब्र करो, बजट में पैसा कहाँ से लाएँ?” लेकिन बिहारी बाबू लोग कहाँ मानने वाला था? बोले, “हम त नीक काम करीं, फाइलें सरकावे के लिए दिन-रात एक करीं, अब पैसा नीक से नी दोगे तो का गाँव में जाके भैंस चराएँ?”
पाँचवाँ और छठवाँ: जब सपने सच हुए |
फिर आया पाँचवाँ पे कमीशन (1996) – ई तो जैसे बाबू लोग के लिए जादू की छड़ी था। सैलरी बढ़ी, पेंशन बढ़ी, और घर में टीवी-फ्रिज का सपना पूरा हुआ। लेकिन असली मजा आया छठवाँ पे कमीशन (2006) में – भइया, ई बार तो सैलरी में ऐसा उछाल आया कि बाबू लोग बोले, “अब तो स्कॉर्पियो ले लेंगे, गाँव में दिखाएँगे कि शहर में हमहूँ कुछ कम नई हैं!” सरकार बोली, “ठीक है, ले लो, लेकिन टैक्स भी भरना पड़ेगा।” बाबू लोग हँस दिए, “अरे, टैक्स तो हम फाइल में adjust कर लेंगे, का चिंता है!”
सातवाँ पे कमीशन: 2016 का धमाका |
अब बात करते हैं सातवाँ पे कमीशन की, जो 2016 में आया। ई बार तो बिहारी बाबू लोग के लिए त्योहार से कम नई था। सैलरी में 23% बढ़त, भत्ता अलग से, और पेंशन में भी इजाफा। बाबू लोग बोले, “ई तो बात हुई ना, अब घर में AC लगेगा, और बीवी को बोले कि गहना ले लो, पे कमीशन आ गया है!” लेकिन गाँव का एक बाबू बोला, “भइया, ई सैलरी बढ़त से अच्छा तो हमरा भैंस का दूध बेचने का धंधा था, ई शहर में तो टैक्सवा खा जाता है।” सब हँस पड़े – बिहारी बुद्धि का जवाब नई!
आठवाँ पे कमीशन: अभी सपना बाकी है
अब 2025 चल रहा है , और बाबू लोग इंतजार में हैं कि आठवाँ पे कमीशन कब आएगा। अफवाह है कि 2026 में आएगा, लेकिन सरकार अभी चुप्पी साधे है। बाबू लोग बोल रहे हैं, “भइया, ई महंगाई देखो, प्याज 100 रुपये किलो, और हमरी सैलरी वही पुरानी? अब तो आठवाँ कमीशन लाओ, नई तो हम लोग सचिवालय के सामने धरना दे देंगे – फाइलें रोक देंगे, देखते जाओ!” बिहारी स्टाइल में बोले तो, “हम त नीक मेहनत करीं, अब नीक पैसा नी दोगे तो का घर में बैठके लिट्टी-चोखा बनाएँ? अभी तो 8th Pay Commission नहीं आया हैं,जनवरी 2026 में आएगा लेकिन आप अंदाज़ा लगा सकते कि 8th Pay Commission Salary Calculator के द्वारा आपकी सैलरी कितनी बढ़ेगी
बिहारी बाबू का तजुर्बा |
ई सारा पे कमीशन का खेल देखके एक बात समझ आता है – सरकारी नौकरी में सैलरी कम हो या ज्यादा, बाबू लोग adjust कर लेता है। गाँव में भैंस है, शहर में फाइल है – दोनों से कमाई चालू रहता है। सातवाँ कमीशन के बाद तो बाबू लोग के बच्चे बोले, “पापा, अब तो iPhone ले दो, पे कमीशन का पैसा कहाँ गया?” बाबू हँसके बोला, “बेटा, ई पैसा तो तेरी मम्मी के गहना और गाँव के खेत में adjust हो गया, अब अगला कमीशन का इंतजार करो!”
Pay Matrix Table ko dekhna zyada zaroori hain.
अंत में: हँसी-खुशी का खेल |
तो भइया, ई थी पे कमीशन की कहानी – हँसी, मजाक, और बिहारी तड़का के साथ। हर बार सैलरी बढ़ता है, सपने बड़े होते हैं, और फिर महंगाई आके सब बराबर कर देती है। लेकिन बाबू लोग हिम्मत नई हारता – बोले, “जब तक फाइलें हैं, तब तक कमाई है, और जब तक कमीशन आएगा, तब तक लिट्टी-चोखा से काम चलाएँगे!”
अब बताओ, भइया, ई कहानी कैसी लगी? गूगल पे नंबर 1 बन जाएगी कि नई? हँसते-हँसते जवाब देना, ठीक है!
यहाँ पे कमीशन के हिसाब से सैलरी में प्रतिशत वृद्धि (Percentage Increase) की जानकारी एक टेबल फॉर्मेट में दी गई है। इसे हिंदी में और बिहारी टच के साथ लिखा है, ताकि मजा भी आए और जानकारी भी मिले। देखो भइया, ई टेबल एकदम सटीक और ताजा डेटा पे आधारित है, जो 2025 तक के रिकॉर्ड से लिया गया है।
पे कमीशन में सैलरी बढ़ोतरी का टेबल